Friday, 5 October 2018

ठाठों में ठाठ बनारसियां




काशी पाप की नाशी..इस शहर बनारस को ज्ञान की नगरीमंदिरो की नगरीदीपों का शहरघाटों का शहर, गलियों का शहर.... चाहे आप किसी भी नाम से इस शहर को बुलाओ ...



इसकी हर बात अनोखी है... इसकी हर गली में एक कहानी है ... इसकी हवा में एक कहानी है .... गंगा के बहते पानी में भी कहानी है ... जो बनारस की गलियों में एक बार आ जाता है बनारस उस के अंदर बस जाता है... इसे ख़ुद से अलग करना मुश्किल ही नहीं... नामुमकिन है ...!!!


                                                              बनारस का वरूना पूल

हर- हर महादेव

वरूना और अस्सी नदी के किनारे बसा बनारस शहर... गंगा की पावन धरती काशी भी इसी में समाहित है. कहते हैं भोले शंकर के त्रिशूल पर बसा है बनारस शायद इसीलिए जहाँ पूरे देश में लोग एक दूसरे से "राम राम" करके मिलते हैं बनारस में "महादेव" के नारे से मिलते हैं. लोग जहाँ मृत्यु के बाद बनारस आने की इच्छा रखते हैं.


                                  बनारस के साधु

आईए आपको ले चलते  महादेव की नगरी बनारस में !!


                                     दुर्गाकुंड का सरोवर

हर जगह की कुछ ना कुछ खासियत होती है. बनारस की खासियत ये है कि वो बनारस है.काशी विश्वनाथ मंदिर हो या काल भैरवगंगा आरती हो या संकट मोचन का हनुमान चालीसा पाठ,गोदौलिया चौराहे की ठंडई हो या कचौड़ी गली की भूलभुलैया गलियां,दुर्गाकुंड का सरोवर हो या तुलसी मानस मंदिर. बनारस की बात ही अलग है.

                           काशी के कोतवाल 'कालभैरव'

कुछ लोग कहते हैं कि बहुत भीड़ है बनारस में, उन्हें करीना कपूर की "जब वी मेट" का वो डायलॉग सुनना चाहिए "भीड़ हम जैसे लोगों से ही तो होती है" ..भीड़ की वजह से ही तो करीबी बढ़ती है .. यही करीबी बनारस में दिखेगी आपको, लोग गंगा के प्रदूषण के बारे में बोलेंगे मगर मरते वक्त उसी का जल अपने मुँह में चाहते हैं...
                                               

गंगा आरती के समय "जलपरी"

 

बनारस का सुबह का नाश्ता कचौड़ी-जलेबी

बनारस के हर गली में आपको दिख जाएंगे बनारसी सांड (जरा बच के)

कभी शाम को अस्सी या दशाश्वमेध घाट या फिर नाँव पर बैठ कर गंगा आरती देखिए बड़े बड़े से बड़े नास्तिक भी आस्तिकता की ओर ना मुड़ जाएं तो कहना ।
गोदौलिया की लस्सी या ठंडई पी कर कलेजे में ठंड ना बैठ जाये तो कहनापीले पत्तों वाला बनारसी पान जो मुँह में जाते ही घुल जाता है उसे खा कर तसल्ली ना मिले तो कहनागंगा जी मे डुबकी मार कर निकलो और वहीं गोलगप्पे वाले का ठेला मिल जाये जिसमे दिल्ली के गोलगप्पों की तरह पुदीने का पानी नहीं बल्कि इमली का चटपटा और तीखा पानी मिले जो आत्मा तृप्त न कर दे तो कहना,


                                       बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय (BHU)

 BHU के अंदर जाकर अनपढ़ को भी पढ़ने का मन ना करने लगे तो कहनाबनारसी साड़ी पहन कर बंदरिया भी माधुरी दीक्षित ना लगने लगे तो कहनासंकटमोचन के बने शुद्ध घी के बेसन के लड्डू देख कर अपना डायबिटीज ना भूल जाओ तो कहनाभेलूपुर के केरला कैफ़े की कॉफ़ी पीकर उसैन बोल्ट को ना पछाड़ दिया तो कहना.. बनारस जाकर बनारस को अगर भूल पाए तो कहना ...
शिक्षा की नगरी,मंदिरों की नगरी, 3-3 यूनिवर्सिटी वाला शहरबड़े बड़े तीसमार खां को बेवकूफ बनाने वाले ठगों का शहर जहां का रिक्शेवाला भी विदेशियों को देख कर "where madam?", "100 rupees only" बोलता है वो है बनारसजिसके किनारे बसे सारनाथ में महात्मा बुद्ध ने अपना पहला प्रवचन दिया था ..कालभैरव जिसके कोतवाल कहे जाते हैं वो कोतवाली है बनारस ।

आइए जानते है धार्मिक नगरी बनारस पूरे विश्व में क्यों प्रसिद्ध है.




आह बनारस !! वाह बनारस !! -
क्या- क्या प्रसिद्ध नहीं है बनारस का !!!!
पर क्या कोई जानता भी है बनारस को ???


                                                                    बनारसी साड़ी

गंगा किनारे बसी भगवान शंकर की प्रिय नगरी... पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस काशी नगर की स्थापना स्वयं भगवान शंकर ने 5000 साल पहले की थी यह संसार के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक है ऋग्वेद, अथर्ववेद, शतपथ, रामायण, महाभारत आदि हिंदू ग्रंथो में भी इस नगर का उल्लेख है स्कन्द पुराण के काशी खंड में इस नगर की महिमा 15,000 श्लोकों में कही गयी है भगवान शिव के त्रिशूल पर बसी इस काशी नगरी को अविमुक्त क्षेत्र भी कहा जाता है


यहाँ मृत्यु सौभाग्य से ही प्राप्त होती है हिंदू तथा जैन धर्म में इसे सात पवित्र नगरों (सप्तपुरी) में से सबसे पवित्रतम नगरी कहा गया है. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से प्रमुख ज्योतिलिंग काशी विश्वनाथ वाराणसी में स्थापित है...  

मणिकर्णिका घाट व हरिचन्द घाट

                         मणिकर्णिका घाट(दाह-संस्कार)

कहते है प्रजापति दक्ष के द्वारा शिव की उपेक्षा किए जाने पर बनारस के मणिकर्णिका घाट पर ही माता सती ने अपने शरीर को अग्नि को अर्पित कर दिया था और यहीं उनके कान का गहना भी गिरा था.. इस घाट पर अग्नि कभी नहीं बुझती... दिन- रात बिना रुके यहाँ दाह-संस्कार होता रहता है... यहाँ के हरीशचंद्र घाट पर भी यही नजारा दिखता है... कहते है राजा हरीशचंद्र ने डोम का काम करते हुए अपनी पत्नी से पुत्र के अंतिम-संस्कार के लिए कर लिया था...यहाँ जीवन और मृत्यु का अजीब मेल देखा जा सकता है.... जहाँ एक तरफ़ दशाश्वमेध घाट पर मंत्रोच्चारण और गंगा आरती के साथ जीवन का उत्सव मनाया जा रहा होता है वही साथ में दूसरे घाट पर जीवन को अंत होते हुए भी देखा जा सकता है...

सारनाथ


सारनाथ भगवान बुद्ध के तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध है... यह काशी (बनारस) से 10 कि.मी. उत्तर में स्थित है... भगवान बुद्ध ने अपना सबसे पहला उपदेश अपने प्रिय शिष्यों को सारनाथ पर दिया था... यहां पर एक चौखंड स्तूप है.. स्तूप के चारों ओर बाड़ा बना हुआ और उसके बीच में एक मिट्टी का टीला है...सारनाथ में भारत सरकार ने एक संग्रहालय का निर्माण करवाया है जिसमें खुदाई से प्राप्त भगवान बुद्ध के समय की वस्तुएं रखी गयी हैं... भारत सरकार के राष्ट्रीय चिन्ह में जिस चतुर्मुखी सिंह को लिया गया है, वह इसी संग्रहालय में है...सारनाथ में एक चाइनीज मंदिर भी है। इसे एक चीनी नागरिक ने बनवाया था.. मंदिर में भगवान बुद्ध की मूर्ति गहन ज्ञान मुद्रा में स्थित है...




1507 में गुरु नानक देव शिव रात्रि के अवसर पर बनारस आए और उनकी इस यात्रा का सिख धर्म की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान था... यहाँ बनारस में गुरु नानक जी ने पंडित चतुरदास को रामकली मोहल्ला १ दक्ख़िनि ओंकार पहली बार सुनाई थी... गोस्वामी तुलसीदास जी ने बनारस के तुलसी घाट पर ही बैठ कर रामचरितमानस की रचना की थी... आज भी उनकी खड़ाऊँ वहाँ रखी है ।
महारानी लक्ष्मीबाई, जो झाँसी की रानी के रूप में जानी जाती हैं, वो बनारस की ही बेटी हैं... उनकी रगों में बहने वाला वीर रक्त बनारस का ही है.


                            अस्सी घाट का नजारा

संत कबीर, संत रविदास, वल्लभाचार्य, स्वामी रामानन्द,धर्मसम्राट स्वामी श्री करपात्री महराज , त्रैलँग स्वामी, मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, भारत रत्न पंडित रविशंकर, पंडित हरी प्रसाद चौरसिया, भारत रत्न + पद्मविभूषण उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ान, पंडित मदन मोहन मालवीय (BHU के संस्थापक), लाल बहादुर शास्त्री, भारतेंदु हरीशचंद्र, देवकी नंदन खत्री, पद्मश्री सितारा देवी, पद्मविभूशन बिरजु महाराज, पद्मविभूषण किशन महाराज, पद्मभूषण चुन्नुलाल मिश्रा, पद्मभूषण गिरिजा देवी, पद्मश्री सिद्धेश्वरी देवी, पद्मविभूषण उदय शंकर, भारत रत्न भगवान दास एवं लहरी महासया बनारस के अमूल्य रत्नों में से कुछ हैं... बनारस के राजा- काशी नरेश... इन्हें भगवान शिव का अवतार माना जाता है.

ढ़ेर सारी जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहिए.... ऐसे ही नए-नए update मिलते रहेंगे....







Wednesday, 3 October 2018

4 Years of Modi Government



सबका साथ सबका विकास के साथ मोदी सरकार के हुए चार साल



नई दिल्ली : साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जिस तरीके से बीजेपी के भव्य प्रचार- प्रसार और रैली की गई थी. उस समय देश के हर गली मुहल्ले में सिर्फ एक ही नारा गूंज रहा था. वो था सबका साथ सबका विकास... और पीएम नरेंद्र मोदी इसी बदलाव के नारे के साथ मई 2014 में सत्ता में आए. भले ही मोदी सरकार को बहुत से अधूरे वादों पर जनता को आज भी जवाब देना है. लेकिन उनके बहुत से ऐसे भी कदम है जो पहले कभी नहीं उठाए गए.

इस 26 मई को मोदी सरकार ने अपने चार साल पूरे कर लिए हैं. इस दौरान बीजेपी पार्टी लगातार मजबूत होती गयी. बीजेपी पार्टी ने एक के बाद एक राज्यों को जीतकर या गठबंधन में भागीदारी करके आज भारतीय राजनीति में वो मुकाम हासिल कर लिया है जो कभी कांग्रेस का हुआ करती थी. आप इससे सहमत हों या ना हों लेकिन इन बदलाव से इनकार नहीं किया जा सकता. आज चार साल पूरा नेरेटिव बदल चुका है.

इस मौके पर हम इस सरकार की पांच बड़ी कामयाबियों पर नजर डालेंगे जो देश की दशा और दिशा बदलने में महत्वपूर्ण बनी.

 सर्जिकल स्ट्राइक

सर्जिकल स्ट्राइक

सर्जिकल स्ट्राइक के हीरो लांस नायक संदिप सिंह की शहीदी को शत-शत नमन


देश में आतंकवाद पर भारत सरकार की नीति और सेना ने जबरदस्त पराक्रम का प्रदर्शन कर ये दिखा दिया कि भारत की रक्षा शक्ति दुनिया के किसी विकसित देश से कम नहीं है... 28 सितंबर 2016 को दुनिया का आधा हिस्सा सोया था और भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स पाकिस्तान के नापाक मंसूबों का मुंहतोड़ जवाब दे रही थी... करीब आठ घंटे के ऑपरेशन के बाद पाकिस्तानी सीमा में घुसकर आतंकियों के ठिकाने को तबाह कर दिया... सबसे बड़ी उपलब्धि सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए भारत ने ये बता दिया कि पारंपरिक लड़ाई के साथ-साथ माडर्न लड़ाई में भी दुनिया की पेशेवर सेनाओं में से एक है.

स्वच्छ भारत मिशन


यह अभियान 2014 में महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर को शुरू किया गया. इस स्वच्छता मिशन में कई बड़े हस्ती, नेता, अभिनेता व आम जनता ने भागीदारी दी. और खुले में शौच के खिलाफ आवाज भी उठाई. स्वच्छ भारत मिशनके तहत केंद्र सरकार का 2019 तक 10 करोड़ शौचालय निर्माण करने का लक्ष्य है. आज से चार साल पहले भारत में सिर्फ 10 में से 4 घरों में शौचालय होते थे. लेकिन आज स्वच्छ भारत अभियान के तहत हर घर में शौचालय हैं. बता दें कि अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन आने के बाद से लेकर अब तक करीब 4 करोड़ शौचालय बनाए जा चुके हैं.  स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 के मुताबिक, 82 प्रतिशत से अधिक नागरिकों ने स्वच्छता बुनियादी ढांचा और अधिक कूड़ेदान की उपलब्धता और घर-घर जाकर कूड़ा एकत्रित करने जैसी सेवाओं में सुधार के बारे में बताया. पीएम मोदी ने बनारस के मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन में खुद झाड़ू उठाकर स्वच्छ भारत अभियान की गति को बढ़ाया.  देश के लोगों को मंत्र देते हुए कहा कि आइए शपथ लेते हैं कि न गंदगी करेंगे और न गंदगी करने देंगे.

तीन तलाक(तलाक तलाक तलाक)



तीन तलाक से छुटकारा पाना मुस्लिम समुदाय के महिलाओं के लिए कठिन मुद्दा रहा है. इस्लामिक रीति रिवाज में तीन तलाक के जरिए यानि तीन बार तलाक तलाक तलाक बोलने पर कोई भी मुस्लिम पति अपनी पत्नी से छुटकारा पा सकता है. आम तौर पर ये देखा जाता रहा है कि तीन तलाक के भय में मुस्लिम महिलाएं भय के साए में जीती रही हैं. इस संबंध में मुस्लिम महिलाओं की तरफ से ये आवाज उठती थी कि इसे समाप्त कर या संशोधित कर महिलाओं को उस दहशत से दूर किया जाए. इस संबंध में मुस्लिम महिलाओं की अपील पर मोदी सरकार ने अपनी राय रखी. केंद्र सरकार की तरफ से ये दलील दी गई कि आधुनिक भारत में किसी ऐसे व्यवस्था की कल्पना नहीं की जा सकती है. जो किसी समुदाय की आधी आबादी को डर के साए में जीने को मजबूर करे. नवंबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक के मुद्दे को गैरकानूनी ठहराते हुए अवैध करार दिया.

GST बना बड़ा कदम


 GST(गुड्स एवं सर्विस टैक्स) एक कर,एक राष्ट्र-एक बाजार 30 जून 2017 को आधी रात से लागू हुआ और 1 जुलाई 2017 से पूरे भारत में प्रभावी हुआ. जीएसटी दोनों केंद्रों और राज्यों द्वारा प्रशासित है. इसके आने से राज्य VAT (Value Added Tex), केंद्रीय उत्पाद शुल्क, खरीद कर और प्रवेश कर जैसे कई राज्य और केंद्रीय अप्रत्यक्ष करों को एक में सम्मिलित कर दिया गया है. 4 कर दरें रखी गईं. ये 5%, 12%, 18%, 28% हैंयोजना का मुख्य गुड्स पर कुल करों में कमी, अनुमानित 25-30% होगी.

भारत बना विकास का वैश्विक केंद्र
2014 में सरकार में आने के बाद पीएम मोदी के दुनिया के सभी महाद्वीपों का दौरा कर चुके हैं. चीन, अमेरिका, रूस, यूरोप के देश अब भारत को बराबरी के नजरिए से देखते हैं. मोदी सरकार में क्रांतिकारी बदलाव तब सामने आया जब उन्होंने इजराइल और फिलीस्तीन की बारी-बारी से यात्रा की. पीएम मोदी ने कहा कि अगर तेल के लिए ईरान हमारे लिए महत्वपूर्ण है तो सांस्कृतिक संबंधों के हिसाब से सऊदी अरब भी महत्वपूर्ण है. अगर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इजराइल हमारे लिए महत्वपूर्ण है तो ऐतिहासिक संबंधों के हिसाब से फिलीस्तीन भी महत्वपूर्ण है.

इस चार साल में मोदी सरकार की इस बात को आगे बढ़ाते हुए वितमंत्री अरुण जेटली ने कई सारी ऐसी योजनाएं बनाईं जो आम लोगों को सीधा फायदा पहुंचाने का दावा करती हैं. जिन योजनाओं का लाभ सबसे अधिक लोगों तक पहुंचा, उनमें नोटबंदी,प्रधानमंत्री जनधन योजना,उज्जवला योजना, सुकन्या योजना, उजाला योजना आदि प्रमुख है. 

लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने देशवासियों से कई वादे किये थे. कुछ वादे पूरे भी किए. और कुछ अधूरे वादे को अभी भी पूरा करना है. अब 2019 के लोकसभा चुनाव में देखना होगा मोदी सरकार सबका साथ सबका विकास के नारे के साथ जो देश में विकास का मुहिम चला रहे है वो कितना सच साबित होगा ?
 
                                                                                                
THANKS

ankita mishra report






Saturday, 26 May 2018



कर्नाटक:  कुमारस्वामी ने ली CM पद की शपथ,दिखी विपक्षी दल की एकजुटता

कुमारस्वामी ने ली CM पद की शपथ



बेंगलुरु: र्नाटक के राजनीति में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार की एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है.एचडी कुमारस्वामी ने आज ( बुधवार ( को शाम चार बजे सीएम पद की शपथ ले ली.कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने उन्हें सीएम पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. वहीं कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष जी. परमेश्वर ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली.

आपको बता दें कि शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान मंच पर विपक्षी दल की एकजुटता देखने को मिली.वहीं मंच पर राज्यपाल के आलावा बीजेपी से कोई नहीं दिखा. मंच पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मां सोनिया गांधी पूर्व पीएम और एचडी कुमारस्वामी के पिता एचडी देवेगौड़ा, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, बसपा सुप्रिमो मायावती और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी नजर आए.इनके अलावा बिहार के पूर्व डीप्टी सीएम तेजस्वी यादव, राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख अजित सिंह, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू और एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी मंच पर दिखे.

खबर के मुताबिक कुमारस्वामी ने कहा है कि विभागों के आवंटन पर गुरूवार को चर्चा होगी. गठबंधन के सुचारू रूप से कामकाज करने के लिए एक समन्वय समिति गठित की जाएगी.  इससे पहले उन्होंने फरवरी 2006 से अक्टूबर 2007 के बीच 20 महीनों तक जेडीएस ने बीजेपी गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया था.


 
 



Thursday, 8 March 2018

औरत ...क्या तेरी यही कहानी!!!


International Women’s Day 2018 will be celebrated on March 8, like every year.

इस महिला दिवस पर एक ऐसी महिला की कहानी है जो ना देश का नाम रोशन की है,ना उसपर कोई गर्व करता है,ना वो मीडिया के कैमरा की चर्चा बनी हुई है....जी हां एक ऐसी महिला जिसको अपनी जिंदगी जीने के लिये खुद को समर्पित करना पड़ा?
ऑफिस जाते वक्त मेट्ो स्टेशन पर हर रोज एक महिला सात महिनें के बेटे और दो बेटियों के साथ भीख मांगती हुई दिखती थी...एक दिन जब उसका छोटा बच्चा भूख से तड़प कर रो रहा था़... तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उससे पूछ लिया ? भीख मांगकर तुम्हारा कितना गुजारा हो जाता है???वो चुप..... मैं उससे सवाल करती रही?? और आखिरकार उसका जवाब सुनकर मैं दंग रह गई!!!
उस महिला ने जवाब दिया!!! मैं अपने बच्चे और खुद के गुजारा के लिए भीख नहीं मांगती ब्लकि अपने पति के रोज- रोज के मारपीट से बचने लिए भीख मांगती हूं .जिससे वो अपने बुरी लत दारू पीने का इंतजाम कर सके ...रही भूख की बात तो दूकान,मंदिर,गुरूदारे के भण्डारें से गुजारा हो जाता है?...मैं चुप...और घर को चली गई ....ऐसे रोज मैं ऑफिस जाती और उससे मुलाकात होती रहती....कुछ महिनों के बाद उसके छोटे से बच्चे की मौत हो गई।।वो अपने बच्चे की मौत से पूरी तरह से टूट गई थी...और कुछ दिन बाद वहां पर वो महिला भी मुझे नहीं दिखाई दी... मैंने लोगों से पूछताछ की लेकिन कुछ नहीं पता चला!!!
कुछ दिन बाद एक भण्डारे में उसकी छोटी बेटी दिखी ... मैं दौड़ी गई...और उसके मां के बारे में पूछने लगी ...उसने बताया उसकी मां भी अब इस दुनिया में नहीं रही... और उसके बड़ी बहन को उसके पिता ने बेच दिया और फिर उसके पिता कभी वापस नहीं आये....मैं बहुत दुखी हुई और आवाक् रह गई....मैंने उससे पूछा तुम कहां रहती हो...उसने कोई जवाब नहीं दिया और भाग गई...फिर वो मुझे कभी नहीं दिखी????साल भर महिलाओं पर अत्याचार हो और एक दिन दुनिया “हैप्पी विमेंस डे” बोल कर हमें सम्मानित करें उसके लिए धन्यवाद !! लेकिन जो पुरूष महिलाओं पर अत्याचार या अपमान करते हैं ? उनके पुरुष प्रधानता को दूर करने के लिये हम महिलाओं को पुरूष अपमानित दिवस मनाना चाहिए?😟😟😟😟😟Happy women's Day alll written by ankita mishra
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https://www.facebook.com/ankita.mishra.146612औरत ...क्या तेरी यही कहानी!!!