Friday, 4 September 2015




देशभर में 5 सितंबर को मनाई जाएंगी श्रीकृष्‍ण जन्माष्टमी

देशभर में 5 सितंबर शनिवार को भगवान श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्टमी मनाई जाएगी. लेकिन मथुरा में 5 सितंबर और 6 सितंबर को नंदगांव में जन्माष्टमी मनाई जाएंगी. नंदोत्‍सव भी दोनों जगह अलग-अलग तिथि को होगा. ऐसा पंचमी और षष्‍ठी एक ही दिन होने की वजह से किया जा रहा है. वहीं, मथुरा वृंदावन के विश्वप्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में भी 6 सितंबर को कृष्‍ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी. इस अवसर पर जन्मभूमि में पहली बार जेल को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाएगा.

जानिए भगवान श्रीकृष्ण के जन्मभूमि वृंदावन का धूम

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन 5 सितंबर की सुबह मथुरा में शहनाई और नगाड़ा वादन से मंगला आरती होगी. इसके बाद सुबह 10 बजे श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास और महंत गुरु शरणानंद लीला मंच पर आएंगे. वे भगवान को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. इसके बाद रात 11 बजे से जन्माभिषेक होगा. इस दौरान गणेश-नवग्रह पूजा होगी. ठीक 12 बजे श्रीकृष्‍ण के जन्‍म के बाद पूरा जन्मभूमि परिसर मृदंग, ढोल-नगाड़े और झांझ-मजीरे से गूंजेगा. रात 12.30 से 12.50 तक श्रृंगार आरती के बाद दर्शन होंगे. रात 1.30 बजे मंदिर के पट बंद होंगे. इस अवधि तक श्रद्धालु भगवान के बाल स्‍वरूप के दर्शन भी कर सकेंगे

जानिए जन्माष्टमी पर धनिए की पंजीरी बनाने की परमंपरा


कृष्ण जन्माष्टमी पर धनिए की पंजीरी बनाने की परंपरा है. भारतीय व्यंजनों के अहम मसालों में से एक धनिया है. जन्माष्टमी का मुख्य प्रसाद धनिया पंजीरी ही होती है. इसकी वजह है वर्षा ऋतु में वात का प्रकोप, कफ कर शमन और पित्त का संचय होता है. वात के प्रकोप से नाडी तंत्र प्रभावित हो सकता है. शरीर में कहीं भी जल एवं वायु का दबाव घट-बढ़ सकता है. इससे स्वास्थ्य-समस्या और कुरूपता दोनों ही बढ़ सकती है. धनिया इससे बचाव में अत्यंत कारगर और विष नाशक है. धनिया बारिश में जल के दूषित होने से शरीर में बढ़े विषैले तत्वों का नाश करता है. कृष्ण जन्माष्टमी पर श्रृद्धालु व्रत भूखे रहते हैं. 

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