निर्भया कांड की चौथी बरसी,4 साल बाद भी दिलवालों की दिल्ली जस की तस
हर सवाल के जवाब होते है लेकिन कुछ सवाल
के जवाब सिर्फ सवाल बन कर रह जाती है. जी हां आज 16 दिसंबर निर्भया कांड के चार साल
पूरे हो चुके हैं. दरअसल, सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए भले ही लाख दावे कर
रही हो लेकिन राजधानी से लेकर यूपी तक रेप की वारदात जस की तस बनी हुई है. आए दिन
महिलाओं के साथ हो रहे छेड़छाड़ औऱ रेप जैसी घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही
है.
ताजा मामला फ़िरोज़ाबाद के रानी नगर का है. जहां 5 साल की बच्ची मासून से पड़ोस
के ही युवक ने हवस का शिकार बनाया.पीड़ित
परिजनों का कहना है कि आरोपी युवक ने उनकी बेटी को टीवी देखने के बहाने बुलाया और
उसके हाथ पैर बांध कर मुह में कपड़ा डाल कर उसे अपनी हवस का शिकार बना डाला. मासूम
की चीख पुकार पर लोग जमा हो गए. लेकिन आरोपी मौके से भागने में कामयाब हो गया. उधर मौके पर पहुंची पुलिस जांच में जुट गई है.
दरअसल एक
20 साल की युवती के साथ रेप
का मामला सामने आया है. पीड़िता के साथ कार में रेप किया गया. पुलिस ने आरोपी को
गिरफ्तार कर वारदात में प्रयोग की गई कार को बरामद कर लिया है. पुलिस के मुताबिक,
पीड़ित युवती नोएडा की रहने वाली है. बुधवार को नौकरी की तलाश में
वह दिल्ली आई थी. दिन भर नौकरी की तलाश के बाद रात तकरीबन 9 बजे
वह घर जाने के लिए एम्स के पास बस का इंतजार कर रही थी, तभी
एक लग्जरी कार युवती के पास आकर रुकी. कार चालक ने युवती को रात होने का हवाला
देते हुए नोएडा छोड़ने की बात कही.
घर जल्दी
पहुंचने की बात सोचकर युवती कार में बैठ गई. जिसके बाद आरोपी कार चालक उसे काफी
देर तक दिल्ली की सड़कों पर घुमाता रहा. तकरीबन 11 बजे आरोपी ने मोतीबाग के पास कार रोकी और युवती के साथ
छेड़छाड़ करने लगा. आरोपी ने युवती को डरा-धमकाकर उसके साथ रेप किया. किसी तरह पीड़िता वहां से भागने में कामयाब रही.
ये दो
घटनाएं सिर्फ यह बताने के लिए काफी है कि निर्भया केस के बाद जो भी दावे किये गये
हों. यूपी में हालात नहीं बदले हैं.जिस तरह निर्भया केस ने दुनिया भर का ध्यान
दिल्ली की तरफ खींचा था.ठीक उसी तरह दो माह पहले उत्तर प्रदेश कें बुलंदशहर में
नेशनल हाइवे पर मां-बेटी के साथ हुए गैंगरेप के मामले ने देशभर का ध्यान अपनी ओर
खींचा था. तब भी अखिलेश सरकार ने बड़े बड़े वादे किये.
उत्तर
प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में यहां लगातार बढ़ोतरी होती जा
रही है.जबकि जानकारों का कहना है कि ये आंकड़ें
रेप के वास्तविक आंकड़े इससे कहीं अधिक हो सकते हैं. यदि नेशनल क्राइम
रिकॉर्ड्स ब्यूरो-2014 की रिपोर्ट्स से मिले राष्ट्रीय आंकड़ों की उत्तर प्रदेश के आंकड़ों से
तुलना करें, तो पता चलेगा कि यूपी में अपराध का औसत देशभर के
अपराध के औसत से अधिक है.
यूपी
क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के ताजा आंकड़ें
साल 2014-2015 के बीच रेप मामलों में 161 फीसदी की बढ़ोतरी
साल 2014 में रेप के 3 हजार 4 सौ 67 मामले दर्ज
ऐसे ही साल
2015 में रेप के 9 हजार 75 मामले दर्ज
रेप की
कोशिश के मामलों में भी 30 फीसदी की बढ़ोतरी
16
दिसंबर, 2012 को हुआ था निर्भया कांड
गौरतलब है कि 4 साल पहले, आज की ही तारीख यानी 16 दिसंबर, 2012 को निर्भया के साथ गैंगरेप हुआ था. चलती बस में पांच लोगों ने एक मेडिकल
स्टूडेंट के साथ दरिंदगी की सारी इंतेहा पार कर दी थी. जख्मी हालत में उसको
अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कई दिनों तक वो बिस्तर पर
पड़ी जिंदगी और मौत की जंग लड़ती रही. आखिरकार 29 दिसंबर, को
निर्भया जिंदगी की जंग हार गई. निर्भया की मौत हो गई.
4 साल बाद भी दिलवालों की दिल्ली जस की तस
राजधानी
की सत्ता बदल गई, हुक्मरान बदल गए लेकिन महिलाओं को लेकर दिल्ली का नजरिया आज भी वहीं है. 4
साल बीत जाने के बाद आज भी ये दिल्ली घूरती है, महिलाओं का शोषण करती है और महिला अधिकारों और महिला सशक्तिकरण जैसे
शब्दों की आबरु को तार-तार करती है. बहरहाल उम्मीद है एक न एक दिन दिल्ली के हालात
जरुर बदलेंगे, देश के हालात बदलेंगे और फिर बलात्कार जैसी
घिनौनी बीमारी से जकड़ा हमारा देश एक दिन जरूर आजाद हो पाएगा.
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