आधी लिखूंगी... मगर हर बात लिख दूंगी! तुम गालिया मत देना मेरी पीठ पीछे... उठा ली कलम तो तुम्हारी औकात लिख दूंगी!!!!
Sunday, 12 December 2021
Digboi: 120 -year-old "Oil Refinery".
Friday, 3 December 2021
India: My first visit of Assam
Monday, 26 April 2021
Covid-19: हाय रे दुर्भाग्य इस भारत का !!
आप सब आने वाले ख़तरे को पता नहीं क्यों नहीं देख पा रहे हैं !!
पता नहीं क्यों आपको वर्तमान में ही जीने की आदत पड़ी हुई है !!
आज जितने लोग Hospital Hospital चिल्ला रहे हैं और सरकार से अनंत Hospital खोलने की demand कर रहे हैं , वह सब अपने लिए ही बहुत बड़ा गड्ढा खोद रहे हैं।
आज के बच्चे हैं यह वर्तमान में जीने वाले। यह वही लोग हैं जो वर्तमान में pizza burger दारू, 4 बज गए लेकिन पार्टी अभी बाकी है और अन्य junk food खाकर 2 मिनट के जीभ के स्वाद के लिए अपने भविष्य के आधा जीवन Hospitals और doctors के पैरों में नाक रगड़ कर बर्बाद करते हैं और फिर System को दोष देते हैं ।
पता नहीं क्यों ये भविष्य नहीं देख पाते। आपको क्या लगता है कि जितना आप सरकार से Hospital बढाने की माँग कर रहे हैं , वह आप बुद्धिमत्ता वाला काम कर रहे हैं ???
अरे ! अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं आप ! आपको स्वयं नहीं पता कि आप क्या कर रहे हैं । आप भावनाओं में बह रहे हैं
Hospitals जब खुलेंगे तो क्या लग रहा है आपको कि ये अपने maintenance या रख रखाव का खर्चा कहाँ से निकालेंगे ????
एक साधारण से Hospital के maintenance का खर्चा करोड़ रुपये आता है ।
चलो अभी तो कोरोना है , और जब सब कुछ शांत हो जाएगा तब ??
तब ये Oxygen plant क्या करेंगे ?
जितनी दवाईयों की company खुली हैं , वह क्या करेंगी ?
जितने भी Medical Bed , Medical Equipments बनाने वाली कंपनियाँ क्या करेंगी ??
जितने भी Hospitals हैं , वह क्या करेंगे ??
क्या अपना कारोबार समेट लेंगे ???
नहीं ! बिल्कुल नहीं !!
उनको customer चाहिए और वह customer आप ही होंगे ।
चाहे उसके लिए उनको कुछ भी करना पड़े।
चाहे मीडिया का सहारा लेना पड़े , चाहे राजनेताओं का , चाहे सरकारी तंत्र का , उन्हें आपको अपना customer बना कर ही रखना है ।
जैसे पहले से कर रहे हैं वह ! कोल्ड drinks , Packed juices , और तरह तरह के ऊल जुलूल चीजों को लेकर जिस तरह इन्होंने आपके दिमाग को भरा है ताकि आप बीमार होकर इनके पास आये और customer बने रहें।
ये एक Cycle है । प्रत्येक इंडस्ट्री एक दूसरे से एक chain से जुड़ी है ।
आज सभी जानते हैं , सरकार भी जानती है कि ciggarette , तम्बाकू , दारू cancer और तमाम तरह के शारीरिक और मानसिक रोग करता है लेकिन किसी सरकार की हिम्मत नहीं कि इन industries को बंद कर दे ।
बल्कि इस तरह आपके brain को condition किया जाता है कि रजनीगंधा , पान पराग , दारू पीना , cigarette पीना एक शान की तरह दिखाया और परोसा जाता है।
आप क्या सोचते हैं कि जब हर Hospital 50 लाख का Oxygen Plant सरकार के कहने पर Set Up करेगा , वह कोरोना शांत हो जाने पर आपको ऐसे छोड़ देगा ???
नहीं अब देखिएगा , आगे आने वाले ज्यादा नहीं 10 वर्षों में श्वांस के मरीज कैसे बढ़ेंगे।
अभी तो hospital जाकर सबको किसी भी दिक्कत में Glucose चढ़ा दिया जाता है न , अब देखिएगा , हर एक patient को अब Oxygen वाले बेड पर लाकर oxygen लगाया जाएगा ।
आपके दिमाग को ऐसे डराया जाएगा कि आप मना नहीं कर पाएंगे।
पूरी Lobby काम करेगी और सभी doctors , लेख , media reports , medical journals ऐसे विडंबना बनायेंगे कि आपको लगने लगेगा कि Oxygen चढ़वाना आवश्यक है।
आप क्या सोच रहे हैं कि 500 bed आपने आज जबरदस्ती कहकर सरकार से और private hospitals से बढ़वा दिया तो क्या अब ये आपको छोड़ेंगे ???
नहीं, ये आपको ही हर बार इस पर लेटाएँगे । ये क्यों अपना बेड खाली रखें ? क्या free में आता है Hospital का bed ?
क्या बिना खर्चे और रख रखाव के होगा ये bed ??
जिन जिन ने demand की थी न , वही इनके customer होंगे।
जैसे आज diabetes को लेकर है।
सन 1999 में WHO ने DIABETES reading की criteria मात्र 1 पॉइंट से बढ़ा दिया ।
क्या आपको पता है मात्र एक पॉइंट बढ़ने से कितने करोड़ की जनसंख्या इसके अंदर आ गयी ??
कितना फायदा हुआ असंख्य pharma companies को ?? Medical device companies को ??
ऐसे ही Blood Pressure को लेकर !!
लेकिन आप कहाँ समझेंगे ??? आपको तो दवाईयों का ग़ुलाम बना दिया गया है। आपको pizza , burger , cold drinks , Refined Oil और packed edibles खाने से फुर्सत कहाँ !!
आपके भोजन श्रृंखला तक को दूषित कर दिया गया , विषाक्त कर दिया गया ताकि medical industries , pharma industries और इनसे सम्बंधित उद्योग चलते रहे ।
इन्होंने आपको urea, chemical fertilizers दिया आपके भूमि को , फसल को विषाक्त करने के लिए , जल , वायु , भूमि सब विषाक्त कर दिया ताकि आप दवाई के गुलाम बने रहें। और तो और आपको Hybrid सब्जियाँ, फल और अनाज तक पकड़ा दिए कि ये हमारे customer बने रहें ।
और आप बच्चों की तरह उछलते रहे कि और कुकुरमुत्ते की तरह Hospitals खोले जायें ।
मतलब स्वतंत्र नागरिक जैसे मूर्ख बनकर यह मांग करता है कि और जेल बनाये जायें , ठीक उसी तरह आप लोग कर रहे हैं ।
एक मूर्ख को पढ़ रही थी कि इस बार मैं ऐसी सरकार चुनूँगा जो मन्दिर इत्यादि पर न लड़कर Hospital बनवाये ।
मतलब ये चाह रहा है कि हम सदा सदा बीमारियों में ही अपना जीवन व्यतीत करें।
*अगर आप Hospital की जगह यह कहते कि मैं ऐसी सरकार चुनूँगा जो Hospitals को बढ़ावा न देकर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर , भोजन शैली के प्रति जागरूक कर , रोगों से दूर रखकर Hospitals का ख़ात्मा करे , तो बात कुछ और होती। लेकिन तुम बीमार लोगों को Hospital ही चाहिए क्योंकि तुम लोगों ने यह अपने भाग्य में लिख लिया है कि हम सदा सदा बीमार रहेंगे और दवाईयों के गुलाम रहेंगे ।
यह लेख तब याद आएगा जब इन्हीं 5 से 10 वर्षों में घर घर प्रत्येक व्यक्ति बीमार होकर hospitals का गुलाम बनेगा।
*ज्यादा नहीं आपको यह 3 से 10 वर्षों के अंदर दिखाई पड़ने लगेगा जब घर घर Ventillator और Oxygen Mask लगेगा जैसे आज प्रत्येज मरीज को Doctor Glucose की बोतल लटका देते हैं।
*आज हो सकता है यह बात न समझ आये , लेकिन एक दिन अवश्य आएगा , जब आएगा तब तक बहुत देर हो चुकी होगी ।
मेरी बात मानिये !! Hospitals की demand करने की बजाय आप हम अपने स्वास्थ्य को क्यों न सुधारें ? Hospital जाने की नौबत ही क्यों आये ??
*क्यों न हम सरकार से यह मांग करें कि प्राकृतिक चिकित्सालय या भोजन नियम संयम इत्यादि को लेकर को संस्थान खोला जाय और जन जन को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाय ????
*क्यों हम जड़ को नहीं पकड़ रहें हैं ???
*क्यों हम आग में घी डालने का काम कर रहे हैं ?? क्यों हम आग को घी डालकर बुझाना चाह रहे हैं ???
क्यों ?????
Tuesday, 6 April 2021
अमृत है घड़े का पानी! मिट्टी के घड़े, फायदे है बड़े!!
आजकल भले ही घड़े के स्थान पर लोगों ने फ्रिज या फिल्टर का पानी पीना शुरू कर दिया है। लेकिन वास्तुशास्त्र के अंतर्गत भी मिट्टी के घड़े को काफी अहम स्थान दिया गया है। यह ना सिर्फ आपकी प्यास बुझाने के काम आता है बल्कि आपके जीवन की खुशियों को भी कई गुणा बढ़ा देता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पानी से भरे मिट्टी के घड़े या मटके को रखने के लिये उत्तर दिशा को सबसे श्रेष्ठ माना गया है। इससे आपको उत्तर दिशा से संबंधित शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
• आज भी गांवों के लोग अपने घर में मिट्टी की सुराही अवश्य रखते हैं।
• माना जाता है घर में पानी से भरी सुराही रखने से कभी धन की कमी नहीं होती।• घर में मिट्टी की छोटी-छोटी मटकियां रखना भी वास्तुशास्त्र के अंतर्गत एक अच्छा उपाय है। ऐसा करने से रिश्तों की गर्माहट और आपसी प्रेम बना रहता है।
• अगर आपके घर में कोई व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार है या गहरी चिंता, तनाव का सामना कर रहा है तो उसे नियमित रूप से घर में मिट्टी के घड़े से पानी देने के लिए कहें। उन्हें अवश्य ही लाभ प्राप्त होगा।
कई वैज्ञानिक अध्ययन में इस बात का दावा भी किया जा चुका है कि मिट्टी के घड़े या फिर मिट्टी से बने हुए बर्तन में स्टोर किए गए पानी को पीने से पेट से जुड़ी कई प्रकार की समस्याओं से राहत पाई जा सकती है। गर्मी में मटके का पानी जितना ठंडा और सुकूनदायक लगता है, स्वास्थ्य के लिए भी उतना ही फायदेमंद भी होता है।
• इसका तापमान सामान्य से थोड़ा ही कम होता है जो ठंडक तो देता ही है, पाचन की क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है।
• मटके का पानी पीने से कैंसर की बीमारी का खतरा बहुत कम हो जाता है। घड़े का पानी गले से संबंधी बीमारियों से बचा कर रखता है।
• मटके का पानी पीना से पीएच संतुलन सही होता है।जो शरीर को किसी भी तरह की हानि से बचाते हैं और संतुलन बिगडऩे नहीं देते।
• मटके का पानी प्राकृतिक तौर पर ठंडा होता है, जबकि फ्रिज का पानी इलेक्ट्रिसिटी की मदद से। बल्कि एक बड़ा फायदा यह भी है कि इसमें बिजली की बचत भी होती है।
• अगर आप दमा के रोगी हैं, तो भी मटके का पानी पिएं। लकवा पेशेंट्स को भी मटके का पानी नियमित तरीके से गर्मी में पीना चाहिए।
Saturday, 13 March 2021
नारी भी छू सकती है आकाश, बस मौके की है उसे तलाश!!
इस महिला दिवस के मौके पर पहली बार अपनी ब्लॉग और सोशल मीडिया के ज़रिए खुद की life की exprience साझा कर रही हूं. आज शुक्रिया उस लड़की का करना चाहती हूं जो बचपन से ही समझदार बनने की कभी सफल कभी असफल कोशिश में लगी रही,अलग-अलग हालातों को देखते समझते दुनिया की उथल-पुथल में खुद को खोने से बचाती रही, बिना किसी के राह समझाए उसने अपना रास्ता खुद चुना और पूरी शिद्दत के साथ उस रास्ते पर ज़िद्दी मन लिए चल पड़ी, मकड़जाल से भी ज़्यादा उलझे मन को जब कोई समझ ना पाए तो उदास मन को ख़ुद समझाए और मुस्कुराहट तुरंत हर हाल में वापस ढूंढ लाए , कार्य क्षेत्र में सब लोग अगर आपकी सफलता से प्रसन्न हों तो बात ही क्या, पर ऐसा भला कहाँ मुमकिन , जलनशील तत्वों को सच्चे मन से नज़रअंदाज़ कर मन मे कोई खराब विचार ना आ पाए इस जद्दोजहद में रोज़ लगी रहती है , कई -कई बार जब खुद टूटी-सी महसूस करती,दूसरों को इसकी भनक तक नही लगने देती, उन पलों में जब माँ, पिता, भाई ,बहन, परम मित्र या आपका साथी कोई साथ न हो , तब ख़ुद के आंसू पोछ कर हंसते हुए दूसरों का हौसला अफ़ज़ाई भी करती. अपना हर सपना हर ख्वाहिश खुद पूरे स्वाभिमान से पूरा करती, वो लड़की हमेशा मेरे हौसले को हवा देती है , हमेशा लड़ना, निडर होना और स्वाभिमान से ज़िन्दगी जीना सिखाती है , और हां आज उसे ख़ुद पर नाज़ है, आज मैं ख़ुद का शुक्रियादा करती हूं, क्योंकि आपकी सफलता सब देखते हैं, कोई नही देखता तो वो हैं आपके failures ,आपकी खुद से लड़ाई , आपका struggle, आपका dedication और willpower, और वो जंग जो आप रोज खुद से लड़ते हो.
every girl deserves to be proud of her , and with no #selfobsession and simple #Gratitude I claim that I am proud of what I am as a #girl as a #women and most importantly as a #human .#selfgrattitude
Take a moment to cheer yourself and thank yourself once in a while . #Happy women's day to me (today and everyday) and to all women out there who gotta respect and love themselves before others do!!!!
#Thank You
Ankita Mishra