Monday, 23 November 2015

गुजरात का यह रहस्यमयी मंदिर जो पल भर में हो जाता है गायब



   गुजरात का यह रहस्यमयी मंदिर जो पल भर में हो जाता है गायब 


भारत एक प्राचीनतम सभ्यता वाला सांस्कृतिक देश हैं. यह विश्व के उन गिने-चुने देशों में से एक है. जहां हर वर्ग और समुदाय के लोग शांतिपूर्वक श्रद्धा के साथ रहते हैं. यहां की भोगौलिक स्थिति, जलवायु और विविध संस्कृति को देखने के लिए ही विश्व के कोने-कोने से पर्यटक यहां पहुंचते हैं.

वैसे अपनी भारत यात्रा के दौरान पर्यटकों को जो चीज सबसे ज्यादा आकर्षित करती है वह हैं भारत की प्राचीनतम मंदिर, मंदिरों की बनावट, विशेषता, महत्व और इतिहास आदि जानने के लिए ही पर्यटक बार-बार भारत की ओर रुख करते हैं. इनमें से कई मंदिर तो ऐसे भी हैं जो कई हजारों साल पुराने हैं और जिनके बारे में जानना पर्यटकों के लिए कौतुहल का विषय है. आईए आपको ऐसे एक रहस्यमयी मंदिर के बारे में बताते है जो कभी-कभी ही दिखता है और अपने आप ही गायब हो जाता है.

रहस्यमयी स्तंभेश्वर महादेव की मंदिर



गुजरात के कावी में यह मंदिर स्थित है. जी हां इस मंदिर के लिए आप यह कल्पना नहीं कर सकते लेकिन यह बात सच है कि यह मंदिर पल भर के लिए ओझल हो जाता है और फिर थोड़ी देर बाद अपने उसी जगह वापिस भी जाता है. यह मंदिर अरब सागर के बिल्कुल सामने है और बडोदरा से 40 मील की दूरी पर है. खास बात यह है कि आप इस मंदिर की यात्रा तभी कर सकते हैं जब समुद्र में ज्वार कम हो. ज्वार के समय शिवलिंग पूरी तरह से जलमग्न हो जाता है.


Monday, 9 November 2015



धनतेरस में विशेष मुहूर्त में करे भगवान धन्वंतरि की पूजा



कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. इस दिन से ही दीपावली पर्व का शुरू हो जाता है. इस बार यह पर्व 9 नवंबर, सोमवार को है. इस पर्व पर भगवान धन्वंतरि की पूजा का विधान है. पूजन के शुभ मुहूर्त सुबह 06:24 से 07:08 तक, शाम 05:58 से रात 08:32 तक (प्रदोष काल) और शाम 06:24 से रात 08:24 तक (वृषभ लग्न) है.


 भगवान धन्वंतरि की विशेष पूजा का महत्व

धनतेरस को भगवान धन्वंतरि की विशेष पूजा की जाती है. पुराणों में लिखी कथा के अनुसार, देवताओं व दैत्यों ने जब समुद्र मंथन किया तो उसमें से कई रत्न निकले. समुद्र मंथन के अंत में भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए. उस दिन कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी ही थी. तब से इस तिथि को भगवान धन्वंतरि का प्रकटोत्सव मनाए जाने का चलन प्रारंभ हुआ. पुराणों में धन्वंतरि को भगवान विष्णु का अंशावतार भी माना गया है.

धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि पूजन विधि


सबसे पहले स्नान कर साफ वस्त्र पहनें. भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र साफ स्थान पर स्थापित करें तथा स्वयं पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं. उसके बाद भगवान धन्वंतरि का आह्वान इस मंत्र से करें-
             सत्यं च येन निरतं रोगं विधूतं,अन्वेषित च सविधिं आरोग्यमस्य।
                गूढं निगूढं औषध्यरूपम्, धन्वन्तरिं च सततं प्रणमामि नित्यं।।

इसके बाद पूजा स्थल पर आसन देने की भावना से चावल चढ़ाएं. आचमन के लिए जल छोड़ें. 

Sunday, 1 November 2015


BIRTHDAY SPACIAL:शाहरुख खान कैसे बने BOLLYWOOD के बादशाह


बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान का आज 50वां जन्मदिन है. छोटे पर्दे से अपने करियर की शुरूआत करके आज बॉलीवुड के बादशाह बन गए है. किंग खान का सफर भले वही उतार-चढ़ाव भरा रहा हो लेकिन करीब 22 साल के फिल्‍मी कॅरियर में शाहरुख ने अब तक 70 से भी ज्‍यादा फिल्‍मों में काम कर चुके है. रोमांटिक हों या फिर एक्‍शन थ्रिलर फिल्‍में, शाहरुख ने हर किरदार को बखूबी निभाया. अपनी अदाकारी से लाखों दिलों पर राज करने वाले शाहरुख के नाम बेस्‍ट एक्‍टर के 8 फिल्‍मफेयर अवॉर्ड हैं.

 जानिए किंगखान की कुछ खास बातें



शाहरुख का जन्म 2 नवंबर 1965 को राजधानी दिल्ली में हुआ था. शाहरुख का बचपन से ही एक्टिंग की तरफ झुकाव था. कई स्टेज परफॉर्मेंस में वो उस जमाने के एक्टर्स के अंदाज में एक्टिंग करते थे जिसे काफी सराहा जाता था. शाहरुख ने एक्टिंग की शिक्षा 'बैरी जॉन' की अकादमी से ली है. दिल्ली के हंसराज कॉलेज से बैचलर की डिग्री लेने के बाद शाह रुख ने जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की पढ़ाई शुरू तो की लेकिन एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने के कारण पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी. 

 किंगखान का love और फिल्मी कैरियर का सफर


शाहरुख ने 6 साल के रिलेशन के बाद गौरी छिब्बर (गौरी खान) से 25 अक्टूबर 1991 को विवाह किया और उनकी 3 बच्चे हैं. बेटा आर्यन, बेटी सुहाना और छोटा बेटा अबराम. शाहरुख ने शुरूआती दौर में 'सर्कस' और 'फौजी' जैसे सीरियल्स में काम किया और फिर मुंबई आकर हेमा मालिनी की डायरेक्टर के तौर पर पहली फिल्म 'दिल आशना है' से फिल्मों में एक्टिंग की शुरुआत की. शाहरुख ने 'डर' 'बाजीगर' 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'कभी हां कभी ना', 'करन अर्जुन', 'कुछ कुछ होता है', 'कभी खुशी कभी गम' 'चक दे' 'चेन्नई एक्सप्रेस' और हैप्पी न्यू ईयर जैसी फिल्में की हैं और जल्द ही उनकी 'दिलवाले' रिलीज होने वाली है. फिल्मों के साथ साथ शाहरुख ने टीवी की दुनिया में भी 'केबीसी' 'और 'जोर का झटका' जैसे शो को होस्ट किया है.